वर्ण – Varn Kise Kahate Hain in Hindi Grammar

वर्ण-विचार (Phonology) :- वर्ण विचार में हिन्दी भाषा के वर्ण, वर्णमाला, वर्णों का वर्गीकरण, उनके उच्चारण स्थान, प्रयोग आदि पर विचार किया जाएगा।

वर्ण (Varn in Hindi Grammar) –

प्रत्येक भाषा का उच्चारण ध्वनियों में होता है तथा प्रत्येक ध्वनि को लिखने के लिए उसका प्रतीक चिह्न निर्धारित किया गया है। ध्वनि के इस लिखित रूप को वर्ण कहते हैं ।

अर्थात् वर्ण किसी भाषा की सबसे छोटी इकाई होता है, जिसके और खण्ड या टुकड़े नहीं किए जा सकते तथा जिसे पढ़ा, लिखा या देखा जा सकता है।

वर्णमाला –

किसी भाषा में प्रयुक्त होने वाले सभी वर्गों के क्रमबद्ध, व्यवस्थित समूह को उसकी वर्णमाला कहते हैं। केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘मानक हिन्दी वर्णमाला’ का निर्धारित रूप निम्नानुसार है –

स्वर – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ

अयोगवाह – अनुस्वार (अं/’), विसर्ग (अः / 🙂

अनुनासिक – (*/चन्द्र बिन्दु)

व्यंजन –

संयुक्त व्यंजन –

क्ष त्र ज्ञ श्र

गृहीत / आगत:

स्वर – आँ (ँ अर्द्ध चंद्र)

व्यंजन – ख़, ज़, फ़

हलन्त चिन्ह –  ् (क्, ख्)

वर्ण के भेद या प्रकार –

हिन्दी भाषा के वर्णों को तीन भागों में बाँटा गया है –

1 . स्वर

2 . व्यंजन

3 . अयोगवाह

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