किसी भाषा के वे नियम जिनके द्वारा उसका शुद्ध बोलना, शुद्ध पढ़ना तथा शुद्ध लिखना जाना जाता है। फलतः किसी भाषा का उसके व्याकरण से गहरा सम्बन्ध होता है।
भाषा में मानकता लाने के लिए, उसे परिनिष्ठित बनाने के लिए एक व्यवस्था की आवश्यकता होती है; इस व्यवस्था को व्याकरण कहा जाता है।
व्याकरण के अंग –
व्याकरण के मुख्यतः तीन अंग होते हैं –
I. वर्ण विचार
II. शब्द विचार
III. वाक्य विचार
इस दुनिया में किसी भी भाषा (Language) को सिखने के लिए हमें उस भाषा का व्याकरण (Grammar) का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक हैं।
हमें हिंदी भाषा को सिखने के लिए Hindi Grammar, अंग्रेजी भाषा को सिखने के लिए English Grammar, संस्कृत भाषा को सिखने के लिए Sanskrit Grammar का ज्ञान होना जरूरी हैं।
इसी तरह से उर्दू, मराठी, बांग्ला, गुजराती, असामी आदि भाषा को सही-सही 100% सिखने के लिए हमें इन भाषाओं का व्याकरण अर्थात Grammar का ज्ञान होना आवश्यक हैं।