समानार्थी शब्द (Samanarthi Shabd in Hindi Grammar)
समानार्थक शब्द वे होते हैं जो सामान्यत: तो एक ही अर्थ देते हैं किन्तु वाक्य प्रयोग की सीमा में बँधकर अन्तर लेकर उपस्थित होते हैं। यह ठीक है कि यह अन्तर अत्यन्त सूक्ष्म होता है।
किसी भी भाषा में ऐसे पर्यायवाची शब्द अत्यल्प होते हैं जो एक ही अर्थ में कई भी किसी भी वाक्य में एक-दूसरे के स्थानापन्न हो सकते हैं।
अधिकांश शब्द ऐसे होते हैं जो सूक्ष्म अन्तर लिए हुए होते हैं किन्तु सामान्यतः उस अर्थान्तर को लक्षित नहीं किया जा सकता। वह प्रयोग के आधार पर या प्रसंग की सहायता से ही स्पष्ट हो पाता है।
अतः ऐसे शब्दों को समानार्थक शब्द कहते हैं जिसमें सामान्यतः तो अन्तर लक्षित न हो किन्तु प्रयोग की दृष्टि से उसमें सूक्ष्म अन्तर हो जाये। यह अन्तर प्रयोग की सहायता से ही स्पष्ट किया जा सकता है। पर्यायवाची शब्दों को भी ” समानार्थी शब्द ” भी कहा जाता हैं।
जैसे की ईश्वर के पर्यायवाची या समानार्थी शब्द ‘परमात्मा, परमेश्वर, भगवान, ब्रह्म, जगदीश, अगोचर, अनन्त, जगन्नाथ, जगतप्रभु, निरंजन, रब, सच्चिदानन्द, साँई, स्वयंभू, अल्लाह, खुदा, परवरदिगार आदि’ हैं।
युग्म शब्द or समोच्चरित शब्द
परिभाषा : – वे शब्द जो वर्तनी की दृष्टि से लगभग मिलते-जुलते होते हैं, उनमें कहीं केवल स्वर का अन्तर होता है कहीं व्यंजन का।
अतः वे शब्द लिखने, सुनने या उच्चारण में काफी समान प्रतीत होते हैं किन्तु अर्थ की दृष्टि से एक-दूसरे से बिल्कुल ही भिन्न होते हैं। उन्हें समोच्चारित/समानोच्चरित/समानदर्शी शब्द, समश्रुत शब्द, शब्द-युग्म या युग्म शब्द कहते हैं।
जैसे –
अनल-अनिल, कुल-कूल, तरणि-तरणी, प्रसाद-प्रासाद, सूर-शूर आदि।
श्रुतिसमभिन्नार्थक
परिभाषा : – वे शब्द जो किसी वाक्यांश, शब्द समूह या पुरे वाक्य के लिए एक शब्द बनकर प्रयुक्त होते हैं। अर्थात जब एक शब्द में एक से अधिक शब्दों के अर्थ को व्यक्त करने की शक्ति होती है, उन्हें श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द कहते हैं।
जैसे –
अजेय – वह जिसे जीता न जा सके।,
अद्वितीय – वह जिसके समान कोई दूसरा न हो आदि।
List of word combinations (शब्द युग्म की सूची )
शब्द (Shabd) | अर्थ (Arth) |
अंगना | स्त्री |
अतीत | बीता हुआ |
अक्ष | धुरी |
अक्षि | आँख |
अंत | समाप्त |
अन्य | दूसरा |
अंश | भाग/हिस्सा |
अमर | जो मरे नहीं |
अपमान | निरादर |
अर्क | सूर्य |
अवधि | समय सीमा |
अभिराम | सुंदर |
आली | सखी |
अशन | भोजन |
आवरण | पर्दा |
आसन | चटाई |
इति | समाप्ति |
इंद्रा | इंद्राणी |
उत्पल | कमल |
उपयुक्त | उचित |
उपादान | सामग्री |
उपधान | तकिया |
उर | ह्रदय |
ओर | तरफ |
कच | बाल |
कपि | बंदर |
कर | हाथ/किरण |
कर्म | काम |
कली | कलिका |
कुंतल | बाल |
कुजन | दुष्ट व्यक्ति |
कुल | सब/वंश |
कृत | किया हुआ |
कृतज्ञ | उपकार मानने वाला |
कृति | रचना |
कोर | किनारा |
कोष | धन |
गज | तीन फ़ीट का नाप |
गण्य | गिनने योग्य |
गृह | घर |
ग्रन्थ | पुस्तक |
चक्रवाक | चकवा पक्षी |
चतुष्पथ | चौराहा |
चसक | आदत/टीस |
चिंता | फिक्र |
चीर | वस्त्र |
छात्र | विद्यार्थी |
जगत | कुएँ की मुँडेर |
जठर | पेट |
ज़रा | थोड़ा |
जलज | कमल |
जलद | बादल |
जलधि | समुन्द्र |
जूठा | खाकर छोड़ा हुआ |
डामर | तारकोल |
तरंग | लहर |
तरणि | सूर्य |
तुण्ड | मुख/चोंच |
तुन्द | पेट/तोंद |
दंस | डंक |
दशन | दाँत |
दारू | शराब |
दिन | दिवस |
दीन | निरीह/निर्धन |
दुति | चमक |
दुती | संदेशवाहिका |
देव | देवता |
दैव | भाग्य |
धरा | पृथ्वी |
धारा | नदी, प्रवाह |
नक्र | मगरमच्छ |
नरक | यमलोक |
नाक | स्वर्ग/नासिका |
नाग | सर्प/हाथी |
निंदा | बुराई |
निंद्रा | नींद |
निधन | मृत्यु |
निर्धन | गरीब |
पथ | मार्ग |
परिजन | परिवार के लोग |
परवाह | चिंता |
प्रवाह | बहाव |
परिणाम | नतीजा |
परिमाण | मात्रा, तोल |
प्रमाण | सबूत |
पुरुष | व्यक्ति |
पानी | जल |
प्रदीप | दीपक |
फन | साँप का फैलाया हुआ मुँह |
फ़न | कला, हुनर |
बदन | शरीर |
बलाक | बगुला |
बली | बलवान |
बहु | बहुत/अधिक |
बहू | वधू |
बात | बातचीत/कथन |
बेल | लता |
बैल | वृषभ |
ब्याज | सूद |
व्याज | बहाना |
Samanarthi Shabd in Hindi Grammar
शब्द (Shabd) | अर्थ (Arth) |
भवन | मकान |
भुवन | संसार, लोक |
भित्ति | दीवार |
भिक्षु | सन्यासी |
भिक्षुक | भिखारी |
मंदिर | देवालय, घर |
मधुकारी | भौंरी |
मात्र | केवल |
मिश्र | मिला हुआ |
मेघ | बादल |
मोर | मयूर |
मौर | मुकुट, सेहरा |
रंबा | जुलाहे का औज़ार |
रजक | धोबी |
रजत | चाँदी |
रज्जु | रस्सी |
रशना | करधनी |
लक्ष | लाख की संख्या |
वरण | चुनना |
वर्ण | रंग, वर्ण |
व्रण | घाव |
वसन | वस्त्र |
व्यसन | बुरी आदत |
वसुदेव | कृष्ण के पिता |
वासुदेव | कृष्ण |
वारिस | उत्तराधिकारी |
वारिश | समुन्द्र |
विज्ञात | जानना, विशेष रूप से ज्ञात |
विख्यात | प्रसिद्ध |
विपन्न | गरीब |
विपिन | जंगल |
विशद | विष देने वाला |
विष | जहर |
विषमय | जहरीला |
विस्मय | आश्चर्य |
वृत्त | गोला |
व्रत | उपवास |
वृन्त | डंठल |
वृन्द | समूह |
व्यंजन | पकवान/वर्ण का एक प्रकार |
वृषभ | बैल |
व्याध | शिकारी |
व्याघ्र | बाघ |
शंकर | शिव |
शकट | बैलगाड़ी/छकड़ा |
शकटारी | श्री कृष्ण |
शकल | खण्ड |
सकल | समस्त |
शकुन | शुभमुहूर्त |
शकुनि | पक्षी |
शुचि | पवित्र |
शम | शान्त/मोक्ष |
सम | समान/बराबर |
शर | बाण |
सर | सरोवर/तालाब |
शशधर | चन्द्रमा |
शशिधर | शिव |
शुक्ति | सीप |
शुक्ल | सफ़ेद |
शुल्क | फ़ीस |
शुधि | पवित्र |
सूचि | तालिका |
शूर | वीर |
श्रमण | बौद्ध भिक्षु |
श्रवण | कान, सुनना |
स्वजन | अपने व्यक्ति |
श्वेत | सफ़ेद |
श्वेद | पसीना |
षष्ठी | छठी तिथि |
समर | युद्ध |
स्मर | कामदेव |
सवर्ण | उच्च जाति |
सुवर्ण | सुंदर/सोना |
सर्ग | अध्याय |
स्वर्ग | देवलोक |
सर्वथा | बिलकुल |
सर्वदा | हमेशा |
सिता | शक़्कर, मिश्री |
सीता | जानकी |
सुचि | सुई |
सूचि | तालिका |
सुधा | अमृत |
क्षुधा | भूख |
सुधि | याद |
सुधी | विद्वान/बुद्धिमान |
सुत | पुत्र |
सूत | सारथी/धागा |
सुमन | फूल |
सुवन | पुत्र |
सुर | देवता |
हरि | विष्णु |
हिम | बर्फ |
ह्रदि | ह्रदय |
एकार्थी प्रतीत होने वाले भिन्नार्थी शब्द –
1 . अध्ययन – सामान्य रूप से पढ़ना।
अनुशीलन – किसी विषय का गहन और सूक्ष्म अध्ययन।
2 . अज्ञ – जिसको ज्ञान न हो।
अनभिज्ञ – जिसको अनुभव न हो।
3 . अज्ञात – जिसको ज्ञात ना हो, किन्तु जाना जा सके।
अज्ञेय – जिसे जाना ही ना जा सके, जैसे ब्रह्म अज्ञेय है।
4 . अनुकम्पा – किसी के दु:ख से दु:खी होकर उस पर की जाने वाली कृपा।
अनुग्रह – अपने से छोटे पर प्रसन्न होकर उसकी कुछ भलाई करना।
5 . अन्याय – न्याय के विरुद्ध कार्य, अत्याचार।
अपराध – सामाजिक, राजकीय नियमों का उल्लंघन।
6 . अच्छाई – किसी व्यक्ति, वस्तु में गुण।
भलाई – किसी व्यक्ति के हित का कार्य।
7 . अध्यक्ष – किसी संस्था का प्रधान।
सभापति – किसी बैठक अथवा सभा का प्रधान।
8 . आधि – मस्तिष्क सम्बन्धी बीमारी।
व्याधि – शारीरिक बीमारी।
9 . अनिवार्य – जिसका निवारण न किया जा सके, जिसके होने की बाध्यता हो।
आवश्यक – जरूरी।
10 . अनुरोध – किसी कार्य को करने का प्रार्थनायुक्त आग्रह।
प्रार्थना – अपने से बड़ों को किसी कार्य को करने का निवेदन।
11 . अस्त्र – फेंककर चलाए जाने वाले हथियार जैसे-तीर, बी, गोला।
शस्त्र – हाथ में रखकर चलाए जाने वाले हथियार जैसे – तलवार।
12 . अनुराग-वस्तुओं के प्रति अनुराग ।
स्नेह – बड़ों या छोटों के प्रति प्रेम।
13 . अभिनन्दन – एक समारोह में किसी का औपचारिक सम्मान।
स्वागत – किसी आए हुए व्यक्ति का सम्मान।
14 . अभिलाषा – किसी को प्राप्त करने की हार्दिक इच्छा।
इच्छा – किसी वस्तु को प्राप्त करने की साधारण चाह।
15 . आज्ञा – पूज्य और आदरणीय व्यक्तियों द्वारा दिया गया कार्य-निर्देश।
आदेश – अधिकारी व्यक्ति द्वारा दिया गया निर्देश ।
16 . आग्रह – अधिकार भावना से तुष्ट याचना।
अनुरोध – नम्रतापूर्वक याचना करना।
17 . अपमान – किसी की प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाना।
अवमान – अनजाने में किसी की प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाना।
18 . अवस्था – शीघ्र ही परिवर्तन होने वाली स्थिति, जीवन की स्थिति।
आयु – समग्र उम्र पूरा जीवन।
19 . अन्वेषण – पहले से ही विद्यमान किसी वस्तु की खोज।
अनुसंधान – छानबीन कर किसी गुप्त नवीन रहस्यों का पता लगाना।
20 . आशा-किसी वस्तु की प्राप्ति की इच्छा।
विश्वास – पूरा भरोसा।
21 . आचार – वैयक्तिक आचरण।
व्यवहार – सामाजिक आचरण ।
22 . अपर्ण – जो छोटे बड़ों को देते हैं
प्रदान – जो बड़े छोटे को देते हैं
23 . कृपा – दूसरे के दुःख निवारण हेतु साधारण प्रयत्न।
दया – दूसरे के दुःख निवारण हेतु स्वभाविक इच्छा।
24 . आलोचना – गुण-दोषों का वर्णन करना।
समीक्षा – गुण-दोषों के विषय में टीका-टिप्पणी करना।
25 . शोक – किसी की मृत्यु अथवा बड़ी दुर्घटना से उत्पन्न दु:ख।
दुःख – साधारण मानसिक पीड़ा जिससे शीघ्र छुटकारा प्राप्त करना चाहते हो।
26 . द्वेष – शत्रु के प्रति विरोधी भाव।
ईर्ष्या – दूसरों के प्रति सहन न कर पाने से उत्पन्न भाव।
27 . स्पर्धा – विकास में अन्य लोगों से आगे बढ़ने की भावना ।
प्रतियोगिता – समान लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सामूहिक सहभागिता कार्यक्रम।
28 . निदेशक – किसी व्यवस्था के सम्बन्ध में निर्देश देने वाला अधिकारी।
निरीक्षक – किसी व्यवस्था की देखभाल एवं जाँचने वाला।
29 . मृत्यु – किसी सामान्य व्यक्ति का देहवसान।
निधन – किसी महान् लोकप्रिय व्यक्ति की मृत्यु ।
30 . प्रणाम – अपने से बड़ों को किया गया अभिवादन।
नमस्कार – बराबर के लोगों के लिए अभिवादन।
31 . भक्ति – ईश्वर के प्रति प्रगाढ़ एवं स्थायी आस्था का भाव।
श्रद्धा – किसी के गुणों के कारण उत्पन्न हुआ आदर।
32 . भाषा – किसी कृति की विवेचनात्मक व्याख्या।
टीका – किसी पद्य रचना के भावार्थ की प्रस्तुति।
33 . भाषण – मौखिक व्याख्यानं ।
अभिभाषण – लिखित भाषण ।
34 . सेवा – अपने से बड़ों की टहल।
शुश्रूषा – रोगियों और दीन-दुखियों की सेवा।
35 . चेष्टा – किसी काम के लिए किया जाने वाला साधारण प्रयत्न।
प्रयास – सफलता की आशा से किया जाने वाला विशेष प्रयत्न।
36 . कुख्यात – बुरे कार्यों के कारण जाने जाने वाला।
विख्यात – अच्छे कार्यों के लिए प्रसिद्ध।
37 . आगामी – जो आने वाला है।
भावी – जो होने वाला है।
38 . आदरणीय – बड़ों के प्रति आदर सूचक शब्द।
पूज्य/पूज्यनीय – जिसके प्रति अत्यन्त आदर भाव हो-ईश्वर, माता-पिता, दादी।
39 . नाप – लम्बाई, चौड़ाई ज्ञात करने का साधन
भाप – वजन जानने का साधन ।
40 . तन्द्रा – ऊंघना नींद की अर्द्ध अवस्था ।
निद्रा – गहरी निद्रा में रहना या सोना।
41 . प्रगति – साधारण रूप से विकास करना।
उन्नति – ऊपर उठते हुए विकास करना।
42 . गीला – थोड़ा नम।
भीगा – पूरा गीला हुआ।
43 . युद्ध – दो सेनाओं के बीच की लड़ाई।
लड़ाई – आम मनुष्यों के बीच झगड़ा।
44 . अड़चन – अचानक आई बाधा।
अवरोध – जानबूझ कर खड़ी की गई बाधा।
45 . कामना – अच्छे भाव की इच्छा। किसी विषय की प्राप्ति की इच्छा।
संकल्प – किसी कार्य को करने का दृढ़ निश्चय ।
46 . अमूल्य – जिसका कोई मूल्य न आँका जा सके, किसी भी मूल्य पर प्राप्त न किया जाना।
बहुमूल्य – जिसका बहुत मूल्य हो और वह मूल्य चुकाकर प्राप्त की जा सकती है।
47 . अद्वितीय – जिसके समान दूसरा कोई न हो।
अनुपम – जिसकी उपमा (किसी अन्य से तुलना) न दी जा सकें।
48 . उपयोग – किसी वस्तु के लाभ को जानते हुए उसका काम में लेना।
प्रयोग – किसी वस्तु के लाभ को परखने के लिए उसे काम में लेना।
हिंदी व्याकरण – Hindi Grammar