पदबन्द (Phrase) – जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तो उसे पद कहते हैं और जब एक से अधिक पद मिलकर एक व्याकरणिक इकाई का काम करते हैं, तब उस बँधी हुई इकाई को ‘पदबन्ध‘ कहते हैं।
अतः पदबन्ध में एक से अधिक पद होते हैं, वे सब परस्पर बद्ध होते हैं तथा वे मिलकर एक स्वतंत्र इकाई के रूप में घटक बनाते हैं।
प्रत्येक पदबंध के दो भाग होते हैं – (i) मुख्य शीर्ष पद तथा (2) आश्रितपद।
पदबन्ध के भेद (Padbandh Ke Kitne Bhed Hote Hain) –
पदबंध पाँच प्रकार के होते हैं –
1 . संज्ञा पदबंध
2 . सर्वनाम पदबंध
3 . विशेषण पदबंध
4 . क्रिया पदबंध
5 . अव्यय पदबंध
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1 . संज्ञा पदबंध (Noun Phrase) –
परिभाषा – जब किसी पदबंध के शीर्ष में संज्ञा पद हो तथा अन्य सभी पद उस पर आश्रित हों, उसे संज्ञा पदबंध कहते हैं।
ये (पदबन्ध) वाक्य में संज्ञा पदों के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं तथा इनके साथ संज्ञा पद की तरह ही कारक-चिह्नों का प्रयोग होता है। [इन वाक्यों में कहीं भी सर्वनाम शब्द प्रयुक्त नहीं होता है।]
विशेष –
1 . हिन्दी के संज्ञा पदबन्ध में प्रायः विशेषण संज्ञा के पूर्व ही आते हैं, जैसे –
छोटा लड़का, सुन्दर लड़की, सभ्य पुरुष, सुन्दर फूल, कड़वी ककड़ी, पानवाला आदमी।
2 . कभी किसी संज्ञा पद पर बल देने के लिए विशेषण शब्द संज्ञा के बाद भी आते हैं –
पानी इतना ठण्डा है कि नहाया नहीं जा सकता।
चाय इतनी मीठी है कि पीना संभव नहीं।
3 . संज्ञा पदबन्धों में सभी प्रकार के विशेषण भी प्रयुक्त हो सकते हैं –
(i) गुणवाचक विशेषण – सुन्दर पुष्प, मोटा आदमी, लम्बी सड़क, सफेद गाय
(ii) संख्यावाचक विशेषण – चार लड़के, तीन घोड़े, पाँच शिक्षक, चार पुस्तकें
(iii) परिमाणवाचक विशेषण – दो किलो गेहूँ, थोड़ा दूध, कुछ सब्जी
(iv) सार्वनामिक विशेषण – उसका कुत्ता, मेरा घर, कोई आदमी, आपका सामान, ये पुस्तकें
4 . संज्ञा पदबन्ध का प्रयोग वाक्य में कर्ता, कर्म तथा पूरक के स्थान पर भी होता है, जैसे –
- (i) कर्ता के स्थान पर – मेरे भाई दिल्ली जा रहे हैं।
- (ii) कर्म के स्थान पर – तुम अपना काम कर रहे हो।
- (iii) पूरक के स्थान पर – प्रवीण आँखों का डॉक्टर है।
निम्नलिखित रूपों में भी संज्ञा पद बन्ध होता है।
(i) कृदंती रूप में – बहता हुआ पानी,
(ii) सम्बन्धवाची रूप में – राधा की साड़ी, मेरा मकान
(iii) कर्तृत्ववाची रूप में – जयपुर जाने वाली गाड़ी, दौड़ में भाग लेने वाला लड़का
(iv) तुलनावाची रूप में – गाँधी सा अहिंसावादी
(v) उपाधिसूचक – श्रीमान् श्री, जी, महाराज
जैसे –
1 . बच्चे गंगानदी के किनारे तैर रहे हैं।
2 . दशरथ के पुत्र राम ने रावण का वध किया।
3 . सचिन सबसे अधिक रन बनाने वाला खिलाड़ी है।
4 . पाकिस्तान से आये जायरीन अजमेर पहुंचे।
5 . सामने के मकान में रहने वाली लड़की की शादी होगी।
2 . सर्वनाम पदबन्ध (Pronoun Phrase) –
परिभाषा – वाक्य में प्रयुक्त जब कोई पद समूह सर्वनाम का काम दे, उसे सर्वनाम पदबन्ध कहते हैं।
1 . बढ़चढ़ कर बातें करने वाले तुम आज क्यों नहीं बोलते ?
2 . हम सबको बेवकूफ बनाने वाला वह आज स्वयं बेवकूफ बन गया।
3 . इस गाँव के लोगों में से कुछ बहुत धनवान हैं।
4 . शेर की तरह दहाड़ने वाले तुम आज चुप क्यों हो ?
5 . एक बार ठोकर खाया वह अब गलती नहीं करेगा।
6 . गरीबों पर दया दिखाने वाले आप को कौन नहीं जानता।
7 . आये हुए मेहमानों में से कुछ शाकाहारी हैं।
8 . जो लड़का कल आया था वह जयपुर में रहता है।
9 . आपके घरवालों में से कोई यहाँ नहीं पहुंचा।
10 . इतनी लगन से काम करने वाला वह असफल नहीं हो सकता।
3 . विशेषण पदबन्ध (Adjective Phrase) –
परिभाषा – वे पदबन्ध जो वाक्य में प्रयुक्त किसी संज्ञा या सर्वनाम के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें विशेषण पदबन्ध कहते हैं।
ये पदबन्ध संज्ञा या सर्वनाम पदबन्ध की विशेषता बतलाते हैं इसलिए ये वाक्य के उद्देश्य के ही अंग होते हैं।
विशेषण पदबन्ध में एक विशेषण ‘शीर्ष पद’ में स्थित होता है तथा शेष पद प्रविशेषण बनकर प्रयुक्त होते हैं।
जैसे –
प्रशान्त सबसे बुद्धिमान बालक है।
यहाँ ‘सबसे बुद्धिमान’ वाक्यांश विशेषण पदबन्ध है, क्योंकि यह ‘बालक’ संज्ञा की विशेषता प्रकट कर रहा है। इसमें ‘बुद्धिमान’ पद शीर्ष है तथा ‘सबसे’ पद प्रविशेषण है जो ‘बुद्धिमान’ विशेषण की विशेषता बतलाता है।
1 . दूध का जला आदमी छाछ भी फूंक कर पीता है।
2 . इस सड़क पर सबसे बड़ा बंगला वर्माजी का है।
3 . सब उसे किताब का कीड़ा कहते हैं।
4 . गीत गाती हुई स्त्रियाँ फसल काट रही हैं।
5 . मेरा छोटा भाई बहुत पढ़ता है।
विशेष – संज्ञा पदबन्ध या सर्वनाम पदबंध में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाने वाला पदबन्ध ही विशेषण पदबंध होता है –
दशरथ के पुत्र राम ने रावण का वध किया।
शेर की तरह दहाड़ने वाले तुम आज चुप क्यों हो ?
4 . क्रिया पदबंध (Verb-Phrase) –
परिभाषा – वाक्य में प्रयुक्त कोई पद समूह क्रिया का कार्य सम्पन्न करता है, वह क्रिया पदबंध कहलाता है।
(i) क्रिया पदबंध वाक्य में प्रयुक्त मुख्य क्रिया एवं सहायक क्रिया के संयोग से बनता है।
विद्यार्थी खाना खाकर सो गये।
मुझे सब कुछ सुनाई पड़ रहा है।
माँ बच्चे को दूध पिला रही है।
(ii) मुख्य क्रिया में अकर्मक, सकर्मक, प्रेरणार्थ संयुक्त आदि कोई भी क्रिया आ सकती है।
भूपेन्द्र सो रहा है।
कनक ने पुस्तक पढ़ ली है।
गार्गी पत्र लिखवा रही है।
नीतू पौधों को पानी पिला रही है।
(iii) क्रिया पदबंध के दो भेद किए जाते हैं –
(क) क्रिया विशेषणात्मक पदबन्ध – जो शीर्ष क्रिया पर ही आधारित होता है।
महेन्द्र धीरे-धीरे जा रहा है।
तृप्ति पढ़ते-पढ़ते सो गयी है।
(ख) अन्त:केन्द्रित क्रिया पदबन्ध – इसमें शीर्ष क्रिया पर सहायक क्रिया आश्रित होती है।
मैं पढ़ सकता हूँ।
यहाँ तो बैठा भी नहीं जाता।
1 . जया ने खाना बना लिया।
2 . अभिषेक मैदान में खेल रहा है।
3 . गुंजन फूल तोड़ रही है।
5 . क्रिया विशेषण पदबन्ध (Indeclinable Phrase) –
परिभाषा – वाक्य में क्रिया-विशेषण के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले एकाधिक पदों के समूह को क्रिया विशेषण पदबन्ध या अव्यय पदबंध भी कहते हैं। ये पदबंध वाक्य में क्रिया विशेषण या अव्यय का काम देते हैं।
क्रिया विशेषण पदबन्धों के लिए यह बात विशेष ध्यान देने की है कि इनका प्रयोग प्राय: वैकल्पिक ही होता है अर्थात् यदि इन्हें वाक्य से हटा भी दिया जाये तो वाक्य की मूल रचना खंडित नहीं होती है, जैसे –
वह चलते-चलते थक गया।
वह थक गया।
विशेषण –
(i) क्रिया विशेषण पदबंधों की रचना प्रायः संज्ञा तथा परसर्ग या अव्यय के संयोग से होती हैं।
बच्चे छत के ऊपर खेल रहे हैं।
हमराज पास वाले घर में रहता हैं।
(ii) कभी-कभी कृदन्त रूपों से भी क्रिया विशेषण पदबंध बनते हैं –
वह दौड़कर वहाँ पहुँचा।
आप कुर्सी पर बैठकर बातें कीजिए।
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध के तीन भेद किये जाते हैं –
(क) समयवाचक क्रिया विशेषण पदबन्ध –
दस दिन से मैं आपकी प्रतीक्षा कर रहा हूँ।
हमारी परीक्षा पन्द्रह मार्च से होगी।
(ख) स्थानवाचक क्रिया विशेषण पदबंध –
गाँव के पीछे की ओर पहाड़ी है।
उस नदी के किनारे मेरा घर हैं।
(ग) रीतिवाचक क्रिया विशेषण पदबंध –
पागल जोर से बड़बड़ाता हुआ जा रहा था।
उषा धीरे-धीरे काम करती है।
तेज दौड़ता हुआ हरिण अदृश्य हो गया।
कछुआ बहुत धीरे-धीरे चलता है।
प्रशान्त बहुत अच्छा खेलता है।
हिंदी व्याकरण – Hindi Grammar