Muhavare in Hindi (मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग)

परिभाषा (Definition) – ‘मुहावरा’ शब्द मूलतः अरबी भाषा का है जिसका अर्थ है :- ‘अभ्यास’ अथवा बातचीत।

हिन्दी में यह शब्द पारिभाषिक रूप में ‘एक वाक्यांश’ का बोधक बन गया है। अतः जब कोई शब्द-समूह या पद या वाक्यांश निरन्तर अभ्यास के कारण सामान्य अर्थ न देकर विशेष अर्थ (लाक्षणिक अर्थ) व्यक्त करने लगे तो उसे ” मुहावरा (Muhavare) ” कहते हैं।

  • मुहावरे में किसी साधारण अर्थ की प्रतीति विलक्षण एवं प्रभावशाली ढंग से होती है अर्थात् मुहावरे का अर्थ बोध अभिधा शब्द शक्ति से न होकर लक्षणा अथवा व्यंजना शक्ति से होता है।
  • जब कोई वाक्यांश सामान्य अर्थ को छोड़ विशेष अर्थ में रूढ़ हो जाता है तो रूढ़ोक्ति या मुहावरा कहलाता है। अर्थात जब कोई शब्द समूह या वाक्यांश निरन्तर अभ्यास के कारण सामान्य अर्थ न देकर विशेष अर्थ व्यक्त करने लगे, तो वह मुहावरा बन जाता है।

मुहावरे और लोकोक्तियों में अन्तर

1 . लोकोक्ति पूर्ण वाक्य होती है जबकि मुहावरा एक वाक्यांश।

2 . लोकोक्ति पूर्ण वाक्य होने के कारण उसका प्रयोग स्वतंत्र एवं अपने आप में पूर्ण इकाई के रूप में होता है, जबकि मुहावरे का प्रयोग वाक्य के अंश के रूप में होता है।

3 . लोकोक्ति में लिंग, वचन, कर्ता, पुरुष, काल के अनुसार विकार उत्पन्न नहीं होता जबकि मुहावरे में कर्ता, पुरुष, काल, लिंग, वचन के अनुसार परिवर्तन हो जाता है। यथा ‘अन्धों में काना राजा’ ही रहेगा, ‘अन्धों में कानी रानी’ नहीं बनेगा जबकि मुहावरे में ‘नौ दो ग्यारह होना’ से नौ दो ग्यारह हो गये, हो गयी बन जाता है।

हिंदी मुहावरे (Muhavare in Hindi)

मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Hindi Muhavare Aur Unke Arth)

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अ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • अंक भरना – गले लगाना। प्रेम से मिलना।

चित्रकूट पहुँचने पर राम ने भरत को अपने अंक में भर लिया।

  • अंग-अंग मुस्कराना – अत्यधिक प्रसन्न होना।

पुत्र के अधिकारी बनने का समाचार सुनकर पिता का अंग-अंग मुस्करा उठा।

  • अंग फूले न समाना – बहुत खुशी होना।

विधायक महोदय को जब मंत्री बनाने का समाचार मिला तबसे उनके अंग फूले न समा रहे हैं।

  • अंगारे उगलना – अत्यधिक क्रोध करना।

विपक्ष ने मंत्री महोदय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये तो वे अंगारे उगलने लगे।

  • अंगारों पर पैर रखना – हानिकारक काम करना ।

सीता हरण के प्रसंग पर मारीच ने रावण से कहा कि यह कार्य कर तुम अंगारों पर पैर क्यों रख रहे हो।

  • अंगूठा दिखाना – अभद्रतापूर्ण ढंग से मना करना।

सुरक्षा परिषद् की सदस्यता हेतु भारत ने अमेरिका से समर्थन की माँग की पर उनके अंगूठा दिखा दिया।

  • अंगुली उठाना – दोष लगाना।

व्यक्ति को जीवन में ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे लोगों को अंगली उठाने का अवसर प्राप्त हो।

  • अंधे की लकड़ी – एक मात्र सहारा ।

पाकिस्तान की सहायतार्थ अमेरिका ही अंधे की लकड़ी है।

  • अक्ल का दुश्मन होना – मूर्ख

अक्ल के दुश्मन से किसी अच्छे कार्य की अपेक्षा नहीं की जा सकती।

  • अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना – मूर्खतापूर्ण कार्य करना।

अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरने वाला व्यक्ति कभी अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता।

  • अक्ल पर पत्थर पड़ना – बुद्धि से काम न लेना। बुद्धि भ्रष्ट होना।

मेरी तो अक्ल पर पत्थर ही पड़ गया कि मैंने लोभ में खोटा सोना खरीद लिया।

  • अगर मगर करना- तरह तरह के बहाने बनाना।

तुम चाहे कितना ही अगर मंगर करो, आज मैं पैसे लेकर ही जाऊँगा।

  • अण्डर ग्राउण्ड हो जाना – छिप जाना।

पुलिस द्वारा बंदी बनाये जाने के भय से नेताजी अण्डरग्राउण्ड हो गये।

  • अपना उल्लू सीधा करना – अपना स्वार्थ देखना।

व्यापारी को किसी की स्थिति से कोई मतलब नहीं होता, वह तो अपना उल्लू सीधा करने में लगा रहता है।

  • अपना सा मुँह लेकर रह जाना – लज्जित होना।

लम्बी चौड़ी डींगे मारने वाला राजु पटवारी परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सका तो अपना-सा मुँह लेकर रह गया।

  • अपना हाथ जगन्नाथ – अपना कार्य स्वयं द्वारा ही सम्पन्न करना उचित होता है।

पिता ने पुत्र से कहा कि दूसरों के साथ सामान मंगाने की अपेक्षा स्वयं ही ले आओ क्योंकि अपना हाथ जगन्नाथ होता है।

  • अपने पैरों पर खड़े होना – आत्मनिर्भर होना ।

अपने पैरों पर खड़े होने वाले व्यक्ति कभी दूसरों की सहायता के मोहताज नहीं होते हैं।

  • अपने पैरों में आप कुल्हाड़ी मारना – अपना अहित स्वयं करना ।

पाकिस्तान आतंकवादियों को शरण देकर अपने पैरों में आप कुल्हाडी मार रहा है, एक दिन ये उसे ही बर्बाद कर देंगे।

  • अपने मुँह मियाँ मिठू बनना – अपनी प्रसंसा आप करना ।

अपने पुत्र को अपने मुँह मियाँ मिठू बनने पर पिता ने कहा, इससे कुछ नहीं होने का कुछ करके दिखाओ।

  • अरण्य रोदन – निरर्थक कार्य/प्रयत्न

विकास कार्य हेतु सरकारी सहायता की अपेक्षा करना अरण्य रोदन ही है।

आ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • आकाश कुसुम होना – दुर्लभ होना।

आजकल राजनीति में सच्चाई और ईमानदारी आकाश कुसुम ही है।

  • आकाश के तारे तोड़ना – असंभव/कठिन कार्य करना।

पानी से मोटरकार चलाने की बात तो आकाश के तारे तोड़ना लगती है।

  • आकाश से बातें करना – बहुत ऊँचा होना।

मुम्बई की बहुमंजिली इमारतें देख ऐसा प्रतीत होता है मानो वो आकाश से बातें कर रही हों।

  • आँख का काँटा होना – अप्रिय होना/शत्रु होना।

भारत तो पाकिस्तान की आँख का काँटा हैं।

  • आँख का तारा होना – बहुत प्यारा होना।

हर संकट से उबारने के कारण कृष्ण ब्रजवासियों की आँखों के तारे थे।

  • आँख बचाना/चुराना – छिपकर निकल जाना।

जब से नेताजी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे वे आँख बचाने/चुराने लगे हैं।

  • आँखें चुराना – बचने का प्रयत्न करना।

अपने मित्र के संकट के समय सच्चे मित्र उससे आँखें नहीं चुराते बल्कि साथ खड़े रहते हैं।

  • आँखें चार होना – आमने सामने होना/प्रेम होना

राम ने सीता को पहली बार जब पुष्पवाटिका में देखा तो उनकी आँखें चार हो गई।

  • आँखें मिलाना – किसी के सामने देखना।

अपराधी कभी आँखें मिलाकर बात करने का साहस नहीं कर सकता।

  • आँखें फेरना – उपेक्षा करना।

अपना कार्य पूर्ण होते ही उसने आँखें फेर ली।

  • आँखें खुलना- वास्तविकता का बोध होना।

तस्करी में अपने पुत्र के पकड़े जाने पर घरवालों की आँखें खुल गयी।

  • आँख का पानी ढलना – निर्लज्जतापूर्ण व्यवहार करना।

वह कई बार जेल हो आया है इसलिए उसके आँखों का पानी ढल गया है, उसे किसी का भय नहीं।

  • आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना।

गोल्ड कम्पनी हजारों व्यक्तियों की आँखों में धूल झोंक कर रातों रात नदारद हो गई।

  • आँखों से गिरना – सम्मान खोना

भ्रष्टाचार में पकड़े जाने पर नेताजी जनता की आँखों से गिर गये, अब वे नहीं जीतने के।

  • आकाश-पाताल एक करना – अत्यधिक परिश्रम करना

आई.ए.एस. बनने के लिए तुम्हें आकाश पाताल एक करना होगा।

  • आग में घी डालना – उत्तेजित करना। झगड़ा बढ़ाना।

लक्ष्मण की व्यंग्योक्तियों ने परशुराम की आग में घी डालने का कार्य किया।

  • आग लगने पर कुआँ खोदना – अनिष्ट होने पर उससे बचने का उपाय करना/भविष्य की चिंता न करना।

कल से परीक्षा प्रारम्भ होने को है और तुम आज पुस्तकें, खरीद रहे हो, यह तो आग लगने पर कुआँ खोदना है।

  • आग से खेलना- खतरे/विपत्ति का काम करना।

एवरेस्ट विजय अभियान में सम्मिलित होना साक्षत् आग से खेलना है।

  • आटे दाल का भाव मालूम होना – जीवन की कठिनाइयों का बोध होना।

पिताजी की मृत्यु के बाद राजु को आटे दाल का भाव मालूम हो गया।

  • आठ आठ आँसू गिराना/रोना बहाना – बहुत रोना ।

अपनी सारी सम्पत्ति चोरी जाने पर बुढ़िया आठ आठ आँसू रोने लगी/गिराने लगी।

  • आड़े हाथों लेना – खरी खोटी सुनाना/ताने देना

चुनाव जीतने के पाँच साल बाद पहली बार पुनः वोट माँगने आये नेताजी को जनता ने खूब आड़े हाथों लिया।

  • आँधी के आम होना – वस्तु का सस्ता होना/बिना परिश्रम वस्तु का अधिक मात्रा में मिलना।

गतवर्ष आलू की पैदावार इतनी अधिक हुई कि वे आँधी के आम हो गए।

  • आपे से बाहर होना – बहुत क्रोध करना।

मैंने आपसे ऐसा कुछ नहीं कहा, फिर भी आप आपे से बाहर हो रहे हैं।

  • आसमान टूट पड़ना – भारी विपत्ति आना।

घर में आग लगने तथा पिताजी के आकस्मिक निधन पर रामू पर तो मानो आसमान टूट पड़ा।

  • आसमान पर थूकना – निर्दोष पर लांछन लगाना।

अन्ना हजारे जैसे गांधीवादी की आलोचना करना आसमान पर थूकना है।

  • आँसू गिराना – रोना।

रोते हुए व्यक्ति को देख जज ने कहा, आँसू गिराने से तुम्हारी झूठी बातें सच्ची नहीं हो सकती।

  • आस्तीन का साँप होना – धोखेबाज मित्र होना। विश्वासघाती मित्र होना।

हिन्दी-चीनी भाईभाई के नारे लगाने वाला चीन आस्तीन का साँप निकला जब उसने भारत पर आक्रमण कर दिया।

इ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • इन्द्रलोक की परी होना – अत्यधिक सुन्दर होना

गरीब रामु की पुत्री के कई रिश्ते आ रहे हैं क्योंकि वह इन्द्रलोक की परी सी जो है।

  • इन तिलों में तेल नहीं होना – किसी लाभ की आशा न होना।

अनेक प्रयत्न करने पर भी रमेश सुरेश के झांसे में नहीं आया तो वह समझ गया कि इन तिलों में तेल नहीं है।

  • ईंट से ईंट बजाना – समूल नष्ट करना/कड़ी टक्कर लेना।

तैमूरलंग ने भारत पर आक्रमण कर ईंट से ईंट बजा दी।

  • ईंट का जवाब पत्थर से देना – शत्रु को करारा जवाब देना।

कश्मीर में आतंकवादियों को ईंट का जवाब जब पत्थर से दिया जाता है तब वे शान्त होते हैं।

उ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • उंगली पर नचाना – पूर्ण वश में रखना।

आजकल ऐसे कानून बन गए हैं कि साहूकार नौकरों को उंगली पर नहीं नचा सकता।

  • उड़ता तीर लेना – चलाकर मुसीबत मोल लेना ।

दिनेश ने अपने अधिकारी की शिकायत कर उड़ता तीर लिया, फलतः रोज परेशान रहता है।

  • उड़ती चिड़ियां पहचानना – कुशल, अनुभवी होना/भीतरी रहस्य जानना।

वह व्यापारी तुम जैसे अविश्वनीय व्यक्ति को उधारी नहीं देगा क्योंकि वह उड़ती चिड़िया पहचानता है।

  • उन्नीस बीस का फर्क होना – बहुत कम अन्तर होना।

तुम्हारे द्वारा चयनित कपड़ों में कौनसा अच्छा है यह निर्णय करना मुश्किल है क्योंकि इनके उन्नीस बीस का ही फर्क है।

  • उल्टी गंगा बहाना – प्रचलन के विपरीत कार्य करना।

वर्तमान में हिन्दी की अपेक्षा अंग्रेजी को राष्ट्र भाषा बनाने हेतु आन्दोलन करना उल्टी गंगा बहाना है।

ए से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • एक और एक ग्यारह होना – संगठन में शक्ति होना।

वर्तमान में एक और एक ग्यारह होकर ही किसी समस्या का समाधान किया जा सकता है।

  • एक ही थैली के चट्टे बट्टे होना – दोनों का एक सी प्रवृत्ति का होना।

आजकल जनता जानती है कि सभी राजनीतिक दल एक ही थैली के चट्टे बट्टे होते हैं। अतः किसी पर विश्वास करना ठीक नहीं।

  • एड़ी चोटी का जोर लगाना – बहुत (पूर्णतः) परिश्रम, मेहनत करना।

आई.ए.एस. बनने के लिए एड़ी चोटी को जोर लगाना पड़ता है।

  • एक ही लाठी से हाँकना – अज्ञान भरा व्यवहार करना।

वर्तमान सरकार मेहनत करने वाले कर्मचारियों और हराम की खाने वालों को एक ही लाठी से हाँकती है।

ओ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • ओखली में सिर देना – जानबूझकर आपत्ति में पड़ना।

गाँव वालों ने पुलिस को डाकुओं की सूचना देकर ओखली में सिर दिया है।

  • ओठ चबाना – क्रोध प्रकट करना।

शान्त जुलूस पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज को देख मैं ओठ चबाकर रह गया।

  • ओस का मोती – शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तु ।

संतजन धन सम्पत्ति को ओस का मोती समझते हैं।

क से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • कच्चा चिट्ठा खोलना – रहस्य प्रकट करना।

विपक्ष ने सरकार के मंत्रियों का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया।

  • कच्ची गोलियाँ न खेलना – अनुभवी होना।

तुम मुझे धोखा नहीं दे सकते मैंने भी कोई कच्ची गोलियाँ नहीं खेली है।

  • कञ्चन बरसना – बहुत लाभ होना।

अंबानी परिवार भारत का सबसे धनी परिवार गिना जाने लगा है मानो उनके घर में कंचन बरस रहा है।

  • कटे पर नमक छिड़कना – दुखी को दु:खी करना ।

उस गरीब अपाहिज की खिल्ली उड़ाकर क्यों कटे पर नमक छिड़क रहे हो।

  • कन्धा लगाना/देना – सहारा देना।

विषम परिस्थितियों में असहायों को कन्धा लगाना इन्सानियत का तकाजा है।

  • कब्र में पैर लटकना – मृत्यु के करीब होना।

नेताओं का राजनीति से ऐसा नाता हो जाता है कि कब्र में पैर लटकने तक उसमें बने रहना चाहते हैं।

  • कमर कसना – तैयार होना/पक्का निश्चय करना।

नेताजी ने कार्यकर्ताओं को कमर कसने हेतु आह्वान कर दिया, क्योंकि मध्यावधि चुनाव कभी भी हो सकता है।

  • कलई खुलना – वास्तविकता प्रकट होना।

अपराधी जैसे ही पुलिस की गिरफ्त में आया कि उनके सारे कारनामों की कलई खुलगई।

Muhavare in Hindi With Meaning

  • कलम तोड़ना – अत्यन्त महत्त्वपूर्ण साहित्य की रचना करना।

रामचरितमानस की रचनाकर तुलसीदास ने मानों कलम ही तोड़ दी।

  • कलेजा थामना – बुरे समाचार सुनने को तैयार रहना।

सैनिकों के परिजनों को सदैव कलेजा थामना पड़ता है।

  • कलेजा मुँह को आना – करुणा उत्पन्न होना।

रेल दुर्घटना में क्षतविक्षत घायलों के देख उसका कलेजा मुँह को आ गया।

  • कागज की नाव – क्षण भंगुर ।

संतों की दृष्टि में यह संसार कागज की नाव ही है।

  • कागज काले करना- व्यर्थ लिखना।

पुत्र के लगातार अनुत्तीर्ण होने पर पिता ने कहा, तुम कागज काले करते रहते हो या कुछ पढ़ते भी हो।

  • काठ का उल्लू होना – महामूर्ख होना।

वह तुम्हें सही सलाह नहीं दे सकता क्योंकि वह तो निरा काठ का उल्लू है।

  • कान का कच्चा होना – सुनी सुनाई बात पर विश्वास करना।

किसी अधिकारी को कान का कच्चा नहीं होना चाहिए।

  • कान खड़े होना – चौकन्ना होना/सचेत होना।

पुत्र के काले कारनामों को सुन पिता के कान खड़े हो गये।

  • कान पर जूं न रेंगना – कोई असर न होना/परवाह न करना।

आज कल भ्रष्टाचार का बाजार इतना गर्म है कि बिना रिश्वत दिये अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंगती।

  • कान भरना – चुगली करना।

अपने सहयोगी के विरुद्ध अधिकारी के कान भरना अच्छी बात नहीं है।

  • कान बहरे होना – किसी बात को न सुनना ।

वह कब से सहायता हेतु पुकार रहा है, कोई उसकी मदद को नहीं गया शायद सबके कान बहरे हो गये हैं।

  • कान काटना – बहुत अधिक चालाक होना।

मोहन के चक्कर में मत पड़ना वह अच्छे अच्छों के कान काटता है।

  • कागजी घोड़े दौड़ाना – कोरी योजनाएँ बनाना ।

तुम कब तक कागजी छोड़े दौड़ाते रहोगे, कुछ करके भी बतलाओ।

  • कान में तेल डालना- ध्यान न देना।

नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने कान में तेल डाल रखा है, कई बार कहने पर भी कुछ असर नहीं होता।

  • किये कराये पर पानी फेरना – किया धरा मिट्टी में मिलाना।

विदाई के समय बारातियों से झगड़ाकर सब किये कराये पर पानी फेर दिया।

  • कुएँ में भाँग पड़ना – सबकी बुद्धि मारी जाना, सब पर एक-सा प्रभाव पडना ।

इस गाँव का कोई भी व्यक्ति समस्या का समाधान न ढूँढ सका मानो कुएँ में ही भाँग पड़ी है।

  • कूपमण्डूक होना – अल्पज्ञ/अज्ञानी होना।

आज के युग में तुम कम्प्यूटर से परिचित नहीं हो, केवल कूप मण्डूक ही बने बैठे हो।

  • कोरा जवाब देना – साफ मना कर देना।

पूर्व विधायक को समारोह की अध्यक्षता हेतु आमन्त्रित किया तो उन्होंने कोरा जवाब दे दिया।

ख से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • खटाई में पड़ना – काम में अड़चन पड़ना ।

चुनाव में नये दल की सरकार बनने पर पुराने सभी कार्य खटाई में पड़ गये।

  • खरी खोटी सुनाना – स्पष्ट और कठोर वचन कहना।

ईमानदार नेता अधिकारियों को खरी खरी सुनाने से नहीं चूकते।

  • खाक में मिलाना – नष्ट भ्रष्ट कर देना।

भारत ने पाकिस्तान पर आक्रमण कर उसके सैनिक अड्डों को खाक में मिला दिया।

  • खाक छानना – कष्ट उठाना।

सरकारी नौकरी प्राप्ति हेतु तुम्हें खाक छाननी होगी।

  • खाला का घर होना – आसान कार्य होना।

ओलम्पिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करना खाला का घर नहीं होता, इस हेतु कठिन परिश्रम आवश्यक है।

  • खून सवार होना – क्रोध में हत्या पर उतारू होना।

अपने परिजनों पर आक्रमण का समाचार सुन उस पर खून सवार हो गया।

  • खून सूखना – भयग्रस्त होना।

आतंकवादियों की भंयकर गोलाबारी से गाँव वासियों का खून सूख गया।

  • खून खौलना – अत्यन्त क्रोध करना।

भारत पर पाकिस्तान के आक्रमण का समाचार सुन भारतीयों का खून खौल उठा।

  • खूटे के बल कूदना – अन्य व्यक्ति के बल पर अभिमान करना।

तुम व्यर्थ ही खूटे के बल कूद रहे हो, में उसकी क्षमता को अच्छी तरह जानता हूँ।

  • खेत रहना – युद्ध में मारे जाना।

करगिल युद्ध में भारत के अनेक सैनिक खेत रहे।

ग से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • गंगा नहाना – दायित्व से मुक्ति पाना।

सेवानिवृति पूर्व बेटे-बेटियों की शादी कर वह गंगा नहाया।

  • गड़े मुर्दे उखाड़ना – बीती बातों को याद करना।

भारत पाकिस्तान की हर वार्ता में पाकिस्तान कश्मीर के गड़े मुर्दे उखाड़ने लग जाता है।

  • गर्दन उठाना – विद्रोह करना ।

हमें अन्याय, अत्याचार, शोषण को सहन करने की अपेक्षा उनके विरुद्ध गर्दन उठानी चाहिए।

  • गले का हार होना – बहुत प्यारा होना ।

माँ बाप के लिए उनकी सन्तान उनके लिए गले का हार होती है।

  • गले मढ़ना – जबरदस्ती उत्तरदायित्व सौंपना।

कर्मचारी के बार बार मना करने पर भी अफसर ने सारा काम उसके गले मढ़ ही दिया।

  • गागर में सागर भरना – थोड़े में बहुत कुछ कहना।

बिहारी सतसई में मानो बिहारी ने गागर में सागर भर दिया, एक एक दोहे के अनेक अर्थ निकलते हैं।

  • गाज गिरना – बड़ा संकट आ पड़ना

कुछ विधायकों ने दल बदल कर ऐसी गाज गिराई कि सत्ता पक्ष दल को जाना पड़ा।

  • गाँठ बाँधना – किसी बात को स्थायी रूप से याद रखना।

मेरी इस बात को गाँठ बाँध लो कि मेहनत के बिना व्यक्ति को जीवन में सफलता नहीं मिलती है।

  • गाल बजाना – अपने विषय में बढ़चढ़ कर बातें करना।

नेताजी ने अपने क्षेत्र में एक भी विकास कार्य नहीं किया फिर भी गालबजाने में बाज नहीं आते।

  • गुड़गोबर करना – बना बनाया काम बिगाड़ना।

बरात के स्वागत के समय अचानक आँधी ने सब व्यवस्था गुड़ गोबर कर दी।

  • गुदड़ी का लाल – छुपारूस्तम/गरीब किन्तु गुणवान ।

जब ग्रामीण गरीब किसान के पुत्र का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हो गया तो सबने यही कहा कि वह तो गुदड़ी का लाल निकला।

  • गूंगे का गुड़ – जिसे केवल अनुभव किया जा सके, व्यक्त नहीं।

भक्त के लिए ईश्वरीय अनुभूति गूंगे का गुड़ हो ।

  • गूलर का फूल – दुर्लभ वस्तु।

आजकल बाजार में किसी वस्तु का शुद्ध मिलना गूलर का फूल हो गया है।

  • गोबर गणेश – मूर्ख।

वर्तमान में सरकारी नौकरियों की चयन प्रक्रिया इतनी जटिल है कि उसमें गोबर गणेश की नियुक्ति की कोई संभावना नहीं रहती।

घ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • घड़ों पानी पड़ना – बहुत लज्जित होना।

परीक्षा में नकल करते पकड़े जाने पर उस पर मानो घड़ों पानी पड़ गया।

  • घाट घाट का पानी पीना – अत्यन्त अनुभवी होना।

उसे गरीब समझ कर उपेक्षा मत करना उसने घाट घाट का पानी पी रखा है।

  • घाव हरा करना – पुराने दुख की याद दिलाना।

नेताजी ने भारत विभाजन की चर्चा कर सभी उपस्थित लोगों के घाव हरे कर दिये।

  • घास काटना – बेगार टालना।

रुचि से कार्य न करना।

  • घी के दीये जलाना – खुशियाँ मनाना

कारगिल विजय पर भारतवासियों ने खूब घी के दीये जलाए।

  • घुटने टेकना – हार मान लेना

बंगला देश की आजादी में पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने भारतीय सेना के समक्ष घुटने टेक दिये।

  • घोड़े बेच कर सोना – निश्चिन्त होना।

अभी तो परीक्षाएँ समाप्त भी नहीं हुई है किन्तु तुम तो घोड़े बेच कर सो रहे हो।

च से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • चाँद पर दाग लगाना – निर्दोष पर दोष लगाना।

संतों पर चरित्र हनन का आरोप लगाना चाँद पर दाग लगाना है।

  • चादर देख कर पाँव फैलाना – सामर्थ्यानुसार कार्य करना

पुत्री के विवाह में अत्यधिक खर्च करते देख मित्र ने चादर देख कर पाँव फैलाने की सलाह दी।

  • चाँदी का जूता मारना – रिश्वत देना/धन के बल पर कार्य करवाना।

वर्तमान में भ्रष्टाचार का इतना बोल बाला है कि बिना चाँदी का जूता मारे कोई काम नहीं हो सकता।

  • चिराग तले अंधेरा – अपेक्षानुसार परिणाम न होना।

भ्रष्टाचार समिति के सदस्य ही जब रिश्वत लेते पकड़े गये तो लोग कहने लगे यही तो चिराग तले अंधेरा है।

  • चिराग लेकर ढूंढना – मुश्किल से मिलना।

लाल बहादुर शास्त्री जैसा नेता आज के जमाने में चिराग लेकर ढूँढने पर भी नहीं मिलता ।

  • चिकना घड़ा होना – अत्यधिक निर्लज होना।

लम्बे समय तक सरकार में रहने पर नेता चिकने घड़े हो जाते हैं कि गलत कार्य करने में हिचकते ही नहीं।

  • चुल्लू भर पानी में डूब मरना – बहुत शर्मिन्दा होना।

चोर पुत्र को पिता ने कहा अच्छा होता चोरी करने से पहले चुल्लू भर पानी में डूब मरते।

  • चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना – घबरा जाना।

अचानक आयकर अधिकारी दल के आ जाने से सेठजी के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगी।

  • चोली दामन का साथ होना – घनिष्ठ संबंध होना।

सुशासन व्यवस्था हेतु कार्यपालिका एवं व्यवस्थापिका में चोली दामन का साथ होना आवश्यक है।

  • चौथ का चाँद होना – अनिष्टकारी होना।

बरात की बस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर लोगों ने कहा कि शादी करना राज के लिए चौथ का चाँद सिद्ध हुआ।

छ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • छक्के छुड़ाना – बुरी तरह पराजित करना।

भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना के छक्के छुड़ा दिये।

  • छठी का दूध याद आना – बड़ी मुसीबत में फंसना।

एवरेस्ट विजय पर निकले दल को भयंकर बर्फ गिरने से छठी का दूध याद आ गया।

  • छाती पर बाल होना – साहसी होना।

छाती पर बाल वाले सैनिक युद्ध में पीठ नहीं दिखाते।

  • छाती पर पत्थर रखना – चुपचाप सहन करना।

बड़े घर की बेटियां सास-ससुर के अत्याचारों पर छाती पर पत्थर रख लेती हैं।

  • छाती पर मूंग दलना – बहुत परेशान करना ।

बहू ने सास से कहा कि मैं घर से अलग न होकर यही रह कर तुम्हारी छाती पर मूंग दलती रहूँगी।

  • छाती पर साँप लौटना – ईर्ष्या से जलना।

भारत की उन्नति को देख पाकिस्तान की छाती पर साँप लौटने लगता है।

  • छाती फूलना – प्रसन्न होना।

पुत्र के ओलम्पिक में पदक जीतने पर पिता की छाती फूल उठी।

ज से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • जहर उगलना – कड़वी बात कहना।

विपक्ष द्वारा आरोप लगाने पर सरकार के मंत्री विपक्ष पर जहर उगलने लगे।

  • जयचंद होना – देश द्रोही होना।

शिक्षित बेरोजगार विदेशियों से धन प्राप्त कर जयचंद हो रहे हैं।

  • जान हथेली पर रखना – खतरनाक कार्य करना, मृत्यु की चिन्ता न करना।

सच्चे देश भक्त जान हथेली पर रख कर घूमते हैं उनके लिए देश से बढ़कर कोई दूसरा नहीं होता।

  • जाल बिछाना – षड्यंत्र रचना

सीबीआई ने इस बार ऐसा जाल बिछाया कि भ्रष्ट अधिकारी बच न सका।

झ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • झख मारना – व्यर्थ समय नष्ट करना।

कब तक यहाँ यों ही झख मारते रहोगे, कुछ करते क्यों नहीं।

  • झूठ के पाँव कहाँ ? – झूठ लम्बे समय तक नहीं चलता ।

झूठ के पाँव कहाँ जो तुम इसे लम्बे समय तक चलाए रखोगे।

ट से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • टके सा जवाब देना – साफ इंकार करना ।

आज कल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी काम करने की अपेक्षा अधिकारी को टके सा जवाब दे देते हैं।

  • टपक पड़ना – अचानक आ जाना।

गोपनीय बैठक में बिना बुलाए उपस्थित व्यक्ति को देख उपस्थित व्यक्ति कहने लगे यह कहा से टपक पड़ा।

  • टाँग अड़ाना – व्यर्थ में दखल देना।

प्रिय मित्र जब तुम्हारा उस बात पर कुछ लेना देना नहीं तो फिर क्यों टाँग अड़ा रहे हो।

  • टूट पड़ना – भयंकर हमला करना।

शिवाजी की सेना अचानक औरंगजेब की सेना पर टूट पड़ी।

  • टेढ़ी अंगुली से घी निकालना – काम हेतु कठोरता करना।

नेताजी ने अधिकारियों से कहा आप ईमानदारी से कार्य करें नहीं तो मुझे टेढी अंगुली से घी निकालने को मजबूर होना पड़ेगा।

  • टेढ़ी खीर होना – कठिन कार्य होना।

मानसरोवर की सफल यात्रा करना टेढ़ी खीर है।

  • ठेंगा दिखाना – देश में संचालित निजी शिक्षण संस्थान सरकार की शैक्षिक योजनाओं को ठेंगा दिखा रहे हैं।
  • टोपी उछालना- अपमानित करना।

विपक्ष सत्तापक्ष की बात-बात पर टोपी उछालने में कसर नहीं छोड़ते।

ठ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • ठगा सा रह जाना – किंकर्तव्य विमूढ़ हो जाना।

धन दुगुना करने का झांसा देने वाल व्यक्ति रातोंरात गायब हो गया, सब ठगे से रह गए।

  • ठोकरे खाते फिरना – इधर उधर भटकना ।

कई शिक्षित बेरोजगार नौकरी के लिए ठोकरे खाते फिर रहे हैं।

ड से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • डंके की चोट पर कहना – चुनौती देकर कहना।

मैं यह बात डंके की चोट पर कहता हूँ कि नेताजी इस प्रयोजना में लाखों रुपये डकार गए हैं।

  • डकार जाना- हड़प जाना / हजम कर जाना।

मनरेगा में प्रधान जी लाखों रुपये के बजट को डकार गए।

  • डकार तक न लेना – ऐसा हजम करना की पता तक न चले आज कल अधिकारी इतने कुशल हो गए हैं कि घूस लेकर डकार तक नहीं लेते।
  • डींग हाँकना – बढ़-चढ़ कर बातें करना।

सच्चे शूरवीर डींग हाँकने की अपेक्षा कुछ कर के दिखाते हैं।

  • डूबते को तिनके का सहारा – मुसीबत में थोड़ी सहायता भी लाभप्रद होती है।

आर्थिक संकट के समय तुम्हारे द्वारा की गई सहायता मेरे लिए डूबते को तिनके का सहारा बनी इसे मैं भूल नहीं सकता।

  • डेरा जमाना – स्थायी रूप से टिकना।

उसने तो ससुराल में ही ऐसा डेरा जमाया कि आने का नाम ही नहीं लेता।

ढ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • ढोल पीटना – सबसे कहते फिरना / प्रचार करना

अपनी विद्वता का केवल ढोल पीटना से कुछ नहीं होने का कुछ चमत्कार करके बताओ तो पता चले।

त से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • तारे गिनना – बैचेनी में रात काटना ।

तुम कब तक तारे गिनते रहोगे बैठकर समस्या का समाधान क्यों नहीं कर लेते।

  • तितर बितर हो जाना – अलग अलग बिखर कर भाग जाना ।

गोली चलते ही सारी भीड़ तितर बितर हो गई।

  • तिल का ताड़ बनाना – छोटी सी बात को बढ़ा देना।

जो वास्तविकता है वही बताओ व्यर्थ में तिल का ताड़ बनाकर कटुता पैदा कर रहे हो।

  • तिलांजलि देना- त्याग देना

केंसर के रोकथाम हेतु तम्बाकू को तिलांजलि देना आवश्यक है।

  • तिलों में तेल न होना – प्राप्ति की कोई संभावना न होना।

विद्यालय भवन निर्माण हेतु नगर सेठजी से बार-बार अनुरोध विनय करने पर वे टस से मस नहीं हुए तब मैंने जान लिया इन तिलों में तेल नहीं है।

  • तीन तेरह करना – इधर उधर कर देना।

नई बहू ने आते ही सारे परिवार को तीन तेरह कर दिया।

थ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • थाली का बैंगन होना – सिद्धान्त विहीन होना।

निर्दलीय विधायक थाली के बैंगन बन उसी का समर्थन करने लगते हैं जो उन्हें मंत्री पद दे सके ।

  • थूक कर चाटना – अपने कथन से मुकरना ।

थूककर चाटने वाले व्यक्ति समाज में सम्मान प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

द से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • दाँत खट्टे करना – परास्त करना।

कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के दाँत खट्टे कर दिये।

  • दाँत काटी रोटी होना – दोस्ती में अत्यन्त घनिष्ठता होना।

भारत और रूस की तो दाँत काटी रोटी है।

  • दाँतों तले अंगुली दबाना – आश्चर्य चकित होना।

राजस्थानी, किलों की वास्तुकला देख विदेशी पर्यटक दाँतों तले अंगुली दबा लेते हैं।

  • दाई से पेट छिपाना – जानकार से बात छिपाना।

तुम दाई से पेट छिपाने की कोशिश मत करो मैं तुम्हारी रग रग से परिचित हूँ।

  • दाहिना हाथ होना – बहुत खास होना।

आर्थिक सहयोग हेतु अमेरिका पाकिस्तान का दाहिना हाथ है।

Hindi Muhavare Ka Arth

  • दाल न गलना – सफल न होना।

इस बार बोर्ड ने परीक्षा-कक्ष में केमरे लगा रखे हैं इसलिए नकलचियों की दाल नहीं गल रही है।

  • दाल में काला होना – कुछ गड़बड़ होना।

कई बार बुलाने पर भी तुम नहीं आये अवश्य ही कुछ दाल में काला है।

  • दिन में तारे नजर आना – बहुत अधिक मानसिक कष्ट होना।

एक के बाद एक विपत्ति आने पर अच्छे-अच्छे को दिन में तारे नजर आने लगते हैं।

  • दूध का दूध पानी का पानी – न्याय करना।

भ्रष्ट अधिकारियों से दूध का दूध पानी का पानी की अपेक्षा नहीं की जा सकती।

  • दूर के ढोल सुहावने – दूर की वस्तु का अच्छा लगना।

शहर में रहने पर वास्तविकता का बोध हो गया कि दूर के ढोल सुहावने होते हैं।

  • दो नावों पर पैर रखना – दोनों तरफहोना।

वर्तमान में प्रत्येक नेता दो नावों पर पैर रखता है।

  • द्रौपदी का चीर होना – अनन्त/अन्तहीन होना।

वर्तमान में भारत में बेरोजगारी तो द्रौपदी का चीर बन गई है।

ध से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • धूप में बाल सफेद करना – अनुभवहीन होना

बुजुर्ग नेताजी के व्यवहार से तो ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने तो धूप में बाल सफेद किये हैं।

न से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • नाक का बाल होना – विश्वस्त व्यक्ति/प्रिय व्यक्ति।

अमित शाह नरेन्द्र मोदी के नाक के बाल होने के कारण भाजपा के अध्यक्ष बनाये गये हैं।

  • नाक पर मक्खी न बैठने देना – इज्जत पर बट्टा न लगने देना।

बेटी के बाप ने बेटे के बाप से कहा कि आप निश्चित रहें हम अपनी नाक पर मक्खी न बैठने देंगे।

  • नाक में दम करना – बहुत परेशान करना ।

छात्रों ने विद्यालय की अव्यवस्थाओं को लेकर प्रधानाध्यापक जी की नाक में दम कर रखा है।

  • नाकों चने चबवाना – बहुत तंग/हैरान करना।

शिवाजी ने गुरेला युद्ध कर औरगंजेब की सेना को नाकों चने चबवाये।

  • नाक पर सुपारी तोड़ना – खूब तंग करना

आज कल की बहुएँ अपनी सासुओं की नाक पर सुपारी तोड़ रही है।

  • नाक रगड़ना – बहुत मिन्नतें करना/गलती को स्वीकार करना।

शिष्य द्वारा गुरु के समक्ष नाक रगड़ने पर ही क्षमा किया गया।

  • नानी याद आना – मुसीबत का एहसास होना

जंगल में अचानकं शेर को देख पथिक को नानी याद आ गई ।

  • नाक रखना – इज्जत बचाना।

भारतीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तानी टीम को हराकर अपनी नाक रखली।

  • निन्यान्वे के फेर में पड़ना – धन इकट्ठा करने की चिन्ता में रहना।

जब से तुम निन्यान्वे के फेर में पड़े हो तबसे समाज सेवा का तुम्हारा दावा खोखला हो गया है।

  • नौ दो ग्यारह होना – भाग जाना।

पुलिस के आने की भनक लगते ही आतंकवादी नौ दो ग्यारह हो गए।

प से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • पंख न मारना – पहुँच न सकना।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा की ऐसी व्यवस्था की कि कोई परिन्दा भी वहाँ पंख नहीं मार सका।

  • पगड़ी रखना – इज्जत रखना।

संस्कारवान सन्तान आपने पिता की पगड़ी रखने में कुछ कसर नहीं छोड़ती।

  • पत्थर की लकीर होना – पक्की बात

नेताजी ने जो आश्वासन दिया उसे पत्थर की लकीर समझो, वे कभी झूठा आश्वासन नहीं देते ।

  • पहाड़ टूट पड़ना – बड़ी मुसीबत आना।

दुर्घटना में एक मात्र पुत्र की मृत्यु का समाचार सुनते ही माँ बाप पर पहाड़ टूट पड़ा।

  • पाँचों अंगुलियाँ घी में होना – लाभ ही लाभ होना।

आजकल नेताजी की पाँचों अंगुलियों घी में है, पहली बार विधायक बने और मंत्री पद भी मिल गया।

  • पानी पानी होना – बहुत लज्जित होना।

नकल करते पकड़े जाने पर परीक्षार्थी पानी-पानी हो गया।

  • पानी भरना – किसी की तुलना में निष्कृष्ट ठहरना।

पहलवान दारासिंह के आगे विश्व भर के पहलवान पानी भरते थे।

  • पापड़ बेलना – दु:ख उठाना, कठिन परिश्रम करना ।

वर्तमान में सरकारी नौकरी प्राप्ति हेतु अभ्यर्थी को खूब पापड़ बेलने पड़ते हैं।

  • पाँव में बेड़ी पड़ना – बंधन में बंध जाना।

जब पाँव में बेड़ियाँ पड़ेगी तब तुम्हें आटे दाल के भाव मालूम होंगे।

  • पीठ ठोकना – सफलता पर शाबाशी देना।

क्रिकेट में विश्वकप जीतने पर राष्ट्रपति महोदय ने खिलाड़ियों की पीठ ठोकी।

  • पीठ दिखाना – हारकर भागना।

सच्चे वीर पुरुष युद्ध में पीठ नहीं दिखाते। भले ही इन्हें प्राण क्यों न गँवाने पड़ें।

  • पेट में चूहे कूदना – बहुत भूख लगना ।

आज सुबह से कुछ नहीं खाया, पेट में चूहे कूद रहे हैं।

  • पेट में दाढ़ी होना – लड़कपन में बहुत बुद्धिमान होना।

बालक नरेन्द्र (विवेकानन्द) की बातें सुन बुआ कहती कि इसके तो पेट में दाढ़ी है।

  • पौ बारह होना – अनुकूल परिस्थितियों में लाभ ही लाभ होना।

मंत्री पद पाने के बाद तो नेताओं की पौ बारह हो जाती है।

फ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • फूंक-फूंक कर कदम रखना – सावधानीपूर्वक कार्य करना ।

व्यापार में एक बार हानि उठाकर व्यापारी दुबारा फूंक-फूंक कर कदम रखता है।

  • फूटी आँख न सुहाना – जरा भी अच्छा न लगना

झूठा आदमी हमें तो फूटी आँख नहीं सुहाता ।

ब से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • बछिया का ताऊ – महामूर्ख

हरि मोहन तो बछिया का ताऊ है उसे यह उत्तरदायित्व सौंपना उचित नहीं।

  • बलि का बकरा बनाना – अकारण हानि उठाने वाला

कांग्रेस की हार के कई कारण हैं पर मुख्यमंत्री से इस्तिफा ले उसे बलि का बकरा बना दिया।

  • बगलें झाँकना – निरुत्तर होना / लज्जित होना।

झूठ पकड़ा जाने पर नेताजी बगलें झाँकने लगे।

  • बसन्त के कोकिल होना- अच्छे समय पर उपस्थित होना।

जब किसी समारोह का आयोजन होता है तभी नेताजी दिखाई देते हैं, वे तो बसन्त के कोकिल हो गए हैं।

  • बहती गंगा में हाथ धोना – अवसर का लाभ उठाना ।

गाँव में आँखों के मुफ्त ऑपरेशन का शिविर लग रहा है तुम भी बहती गंगा में हाथ धो लो।

  • बाएँ हाथ का खेल होना – बहुत सरल कार्य होना।

ओलम्पिक में पदक जीतना भारत के लिए बाएँ हाथ का खेल नहीं है।

  • बात का धनी – वायदे/वचन का पक्का।

बात के धनी लोग अपना बलिदान देंगे किन्तु वचन से मुकरेंगे नहीं।

  • बाल की खाल निकालना – गहन जाँच करना।

हर घोटाले की सीबीआई से जाँच कराना चाहते हैं क्योंकि सी.बी.आई बाल की खाल निकाल कर रख देती है।

मुहावरे इन हिंदी लिस्ट

  • बाल बाँका न होना – कुछ भी हानि न होना।

भ्रष्टाचार में कई नेता रंगे हाथ पकड़े गये किन्तु आज तक उनका बाल बाँका नहीं हुआ है।

  • बालू की भीत होना – अस्थिर/क्षण भंगुर होना।

ओछे व्यक्तियों का प्रेम बालू की भीत होता है।

  • बीड़ा उठाना – कठिन कार्य करने का उत्तरदायित्व लेना

अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध बीड़ा उठाया है, देखते हैं उन्हें कितनी सफलता मिलती है।

भ से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • भगीरथ प्रयत्न- कठिन परिश्रम करना।

भगीरथ प्रयत्न द्वारा ही तुम प्रशासनिक परीक्षा में सफल हो सकते हो।

  • भीगी बिल्ली – डरपोक होना।

कई व्यक्ति घर के बाहर गुर्राते हैं किन्तु घर में पत्नी के सम्मुख भीगी बिल्ली बन जाते हैं।

  • भीष्म प्रतिज्ञा – दृढ़ निश्चय

सरकार ने विदेशों से कालाधन लाने की भले ही भीष्म प्रतिज्ञा की हो किन्तु वह अभी दूर की कौड़ी है।

  • भुजा उठाना – विरोध करना।

कर्मचारियों ने भुजा उठा कर घोषणा की कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जायेगी आन्दोलन समाप्त नहीं होगा।

  • भूत सवार होना – काम करने की धुन लगना।

जिन विद्यार्थियों पर अध्ययन का भूत सवार हो जाता है वे जीवन में अवश्य सफलता पाते हैं।

म से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • मक्खीचूस होना – बहुत कंजूस होना।

मक्खीचूस व्यक्ति अपने बच्चों को भरपेट भोजन तक नहीं देते।

  • मक्खियाँ मारना – बेकार बैठे रहना।

तुम बाल बच्चेदार हो कुछ काम करो (कमाकर लाओ) यों कब तक मक्खियाँ मारते रहोगे।

  • मन के लड्डू खाना- कोरी कल्पनाएँ करना

मनुष्य को जीवन में सफलता कठोर परिश्रम से मिलती है, केवल मन के लड्डू खाने से नहीं।

  • माई का लाल – साहसी व्यक्ति

कौन माई का लाल है जो उस युवती को गुण्डों से मुक्त करा सके।

  • मिट्टी का माधो – महामूर्ख व्यक्ति

ऐसा प्रतीत होता है तुम तो मिट्टी के माधो हो, अपनी कमजोरी को दूसरों से कहते घूम रहे हो।

  • मुख पर कालिख पुतना – कलंकित होना।

कपूत पुत्र ने अपने कारनामों से घरवालों के मुख पर कालिख पोत दी।

  • मुँह में पानी भर आना – जी ललचाना।

मिठाई की गन्ध मात्र से ही मुँह में पानी भर आया है।

  • मुँह मोड़ना – कार्य से विमुख होना।

व्यक्ति यदि अपने दायित्व से मुँह मोड़ लेगा तो कभी सफल नहीं हो सकेगा।

  • मुट्ठी गरम करना – रिश्वत देना।

आज कल भ्रष्टाचार का इतना बोल बाला है कि मुट्ठी गरम किये बिना कुछ काम होता ही नहीं।

  • मुहर्रमी सूरत होना – रोनी सूरत

पहली असफलता पर क्या मुहर्रमी सूरत बना रखी है जबकि असफलता ही तो सफलता की कुंजी है।

  • मेंढकी को मुकाम होना – छोटों द्वारा नखरे करना।

नौकरानी द्वारा वाहन की सुविधा माँगने पर मालकिन मन ही मन सोचने लगी कि मेंढकी को जुकाम हो गया है।

र से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • रंग में भंग पड़ना – मजा किरकिरा होना।

बराती की गोली से एक लड़के की मृत्यु हो गई तो सब रंग में भंग पड़ गया।

  • रंगे हाथों पकड़ना – अपराध करते हुए पकड़ना।

बिजली का कनेक्शन देने के लिए ली गई रिश्वत पर अभियन्ता महोदय रंगे हाथों पकड़े गये।

  • रफूचक्कर होना – भाग जाना।

पुलिस की गाड़ी की आवाज सुन सब गुण्डे रफू चक्कर हो गये।

  • रामबाण होना – अचूक होना

पोलियों पर नियन्त्रण पाने में दो बूंद रामबाण सिद्ध हुई है।

  • रोड़े अटकाना – रूकावटें डालना।

विरोधी जाहे कितने ही राह में रोड़े अटकावे किन्तु साहसी एवं दृढ निश्चयी उन पर विजय पा ही लेते हैं।

ल से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • लकीर का फकीर होना – परम्परावादी होना/अंधानुकरण करना।

आदिवासी तो लकीर के फकीर होते हैं उनके व्यवहार में परिर्वतन लाना बड़ा दुर्लभ है।

  • लाल पीला होना- क्रोधित होना।

मैंने तुमसे कोई ऐसी बात कही नहीं फिर भी तुम व्यर्थ में लाल पीला हो रहे हो।

  • लोहे के चने चबाना – बहुत कठिन कार्य करना।

ऐवरेस्ट पर विजय प्राप्त करना लोहे के चने चबाना है।

  • लोहा मानना – प्रभाव स्वीकार करना।

अच्छे अच्छे तीरन्दाज धनुर्विद्या में अर्जुन का लोहा मानते थे।

  • लोहा लेना – मुकाबला करना।

महाराणा प्रताप की सेना लोहा लेने में अकबर की सेना से पीछे नहीं रही।

व से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • विष उगलना- किसी के विरूद्ध जली कटी, कहना।

कल तुम्हारी दोस्ती दाँतकाटी थी और आज तुम एक दूसरे के विरुद्ध विष उगल रहे हो।

श से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • शबरी के बेर – प्रेमपूर्ण दी गई तुच्छ भेंट।

मालिक के जन्म दिन पर नौकर ने भेंट देते हुए कहा कृपया यह शबरी के बेर भी स्वीकार करें।

  • शेखी बगारना – अपनी प्रशंसा करना।

शेखी बगारने वाले व्यक्ति अधिक दिनों तक लोगों के आदरणीय नहीं रह सकते।

  • शैतान की आँत – बहुत रहस्यमय होना।

उस बुढ़िया से मत उलझना वह तो पूरी शैतान की आंत है।

  • शैतान के कान कतरना – बहुत चतुर होना।

उस बालक को कम मत आँको वह तो अभी भी शैतान के कान कतरता है।

  • श्री गणेश करना – प्रारम्भ करना।

निःशुल्क दवा योजना का श्री गणेश करने से जन-साधारण का इलाज सुलभ हो गया है।

स से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • सब्ज बाग दिखाना – लोभ दिखा कर बहकाना।

चुनाव के समय नेता जनता को एक से बढ़कर एक सब्ज बाग दिखाने में कसर नहीं रखते।

  • साँप सूंघना – सहम जाना।

गोलियों की आवाज सुन गाँव वालों को तो मानो सांप सूंध गया सब घर में छिप गये कोई बाहर नहीं आया।

  • सांकरे के साथी – कष्ट में साथ देने वाला मित्र।

आज के समय में कृष्ण जैसे सांकरे के साथी मिलना मुश्किल है।

  • सिक्का जमाना – धाक जमाना।

नेताजी ने ईमानदारी से जनता की सेवा कर अपना सिक्का जमा लिया है।

  • सिर देना – बलिदान देना।

सच्चे देशभक्त अपनी मातृभूमि की रक्षा हेतु सिर देने में पीछे नहीं हटते।

  • सिट्टी पिट्टी गुम हो जाना – होश-हवास जाते रहना।

आतंकवादियों के हमले से गाँव वासियों की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई।

  • सिर आँखों पर लेना – आदर देना।

मोदी जी जहाँ भी गये वहाँ की जनता ने उन्हें सिर आँखों पर लिया जिसे वे कभी नहीं भूल सकते।

  • सिर धुनना – बहुत दुखी होना।

राम के वन गमन का समाचार सुन अयोध्यावासी सिर धुन रह गये।

  • सिर मुंडाते ही ओले पड़ना – काम के आरम्भ में ही संकट उपस्थित होना।

महेश ने इसी वर्ष नया व्यापार शुरू किया और आयकर का छापा पड़ गया। हुआ न सिर मुंडाते ही ओले पड़े।

  • सुदामा के चावल – साधारण भेंट
  • सूरज को दीपक दिखाना – सुविख्यात का परिचय देना।

लोक प्रिय प्रधानमंत्री का परिचय देना तो सूरज को दीपक दिखाने के समान है।

  • सोने की चिड़िया होना – बहुत धनवान होना।

यह परिवार तो सोने की चिड़िया है, इसे नाराज मत करना।

  • सोने में सुगन्ध होना- विशेषगुणों से सम्पन्न होना।

अमिताभ बच्चन अच्छे कलाकार हैं, आजकल गीत भी गा रहे हैं, यह तो सोने में सुगन्ध है।

ह से शुरू होने वाले हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare)

  • हथियार डालना – पराजय स्वीकार करना / संघर्ष बन्द करना।

नयी सरकार बनते ही कई लेखकों ने विरोध करना बंद कर अपने हथियार डाल दिये।

  • हक्का बक्का रहना – चकित होना।

इन्दिरा गांधी की हत्या का समाचार सुन मैं हक्का बक्का रह गया।

  • हवाई किल्ले बनाना – कोरी कल्पनाएँ करना।

तुम्हें जीवन में सफलता प्राप्ति हेतु हवाई किल्ले बनाने की अपेक्षा यथार्थ को ध्यान में रखना होगा।

  • हाथों हाथ रखना – बहुत आदर देना।

नई वधू को घरवाले हाथों हाथ रखते हैं।

  • हाथ खींच लेना – सहायता बंद कर देना।

भारत द्वारा परमाणु विस्फोट करने पर कई देशों ने सहायता से हाथ खींच लिये।

  • हवा का रंग देखना – समय की गति पहचानना ।

इस बार चुनाव लड़ने से पूर्व तुम्हें हवा का रंग देख लेना चाहिए।

  • हवा लगना – बुरी संगति का प्रभाव पड़ना।

उसे शहर की ऐसी हवा लगी कि वह अब नहीं सुधरने का।

  • हाथों हाथ काम होना – बहुत शीघ्र काम होना।

मेरी आवश्यकता को देखते हुए दर्जी ने मेरा सूट हाथों हाथ सी दिया।

  • हवा होना – भाग जाना।

पुलिस के आते ही सब गुण्डे हवा हो गये।

  • हाथ का मैल होना – बहुत तुच्छ वस्तु।

स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए पैसा हाथ का मैल होता है।

  • हाथ धोकर पीछे पड़ना – जानबूझ कर परेशान करना।

उसने अपनी गलती होते क्षमा याचना करली फिर भी तुम हाथ धोकर उसके पीछे पड़े हो।

  • हवाइयाँ उड़ना – घबरा जाना

पुलिस की पकड़ में आते ही अपराधियों की हवाइयाँ उड़ गयी।

  • हाथों के तोते उड़ना – बुरे समाचार सुन भौंचक्का रह जाना।

आयकर विभाग के अधिकारी के अचानक आने पर सेठजी के हाथों के तोते उड़ गये।

  • हाथ डालना – कोई काम शुरू करना ।

बिना अनुभव के नये काम में हाथ डालना हानिकारक होता है।

  • हाथ धो बैठना – गँवा देना

तुम बिना अनुभव के व्यापार में रुपया लगा रहे हो ऐसे में जमा पूंजी से भी हाथ धो बैठोगे।

  • हाथ पीले करना – पुत्री का विवाह करना।

सेवानिवृत्ति से पूर्व पुत्री के हाथ पीले कर गंगा नहालो।

  • हाथ मलते रह जाना- पछतावा करना।

समय रहते प्रयत्न करो अन्यथा हाथ मलते ही रह जाओगे।

  • हाथ साफ करना – चुरा लेना।

यात्रा में सावधान रहना, वरना पता ही नहीं चलेगा कि कब कौन हाथ साफ कर गया।

  • हाथ पैर फूल जाना – घबरा जाना

आतंकवादियों के अचानक हवाई फायर से सारे गाँव वालों के हाथ पैर फूल गए।

  • होम करते हाथ जलना – भलाई करने में नुकसान होना।

रामसिंह बंदूक लेकर गाँव वालों की सहायतार्थ गया किन्तु गाँव वालों ने उसे ही डाकू समझ कर पीट डाला बेचारे के होम करते हाथ जल गये।

  • हाथ पर हाथ धरकर बैठे रहना- निष्क्रिय बने रहना।

कब तक हाथ पर हाथ धरकर बैठे रहोगे कुछ काम करो नहीं तो भूखे मरना पड़ेगा।

  • हूक उठना – मन में पीड़ा होना।

आपने जो व्यवहार मेरे साथ किया, उसकी हूक आज भी मेरे मन में उठती रहती है।

  • हृदय विदीर्ण होना – बहुत दुख होना।

दुर्घटना का दृश्य देख मेरा हृदय विदीर्ण हो गया।

  • हृदय पर साँप लौटना – ईर्ष्या करना ।

रामु के लॉटरी क्या लगी, पड़ोसियों के हृदय पर साँप लौटने लगा।

  • हेकड़ी भूल जाना – घमण्ड समाप्त होना।

पहली बार चुनाव लड़ा और नेताजी हार गये, सब हेकड़ी भूल गये।

  • होश संभालना – सयाना होना।

अब तुमने होश संभाल लिया है अतः कुछ परिश्रम करो, बैठे कब तक खाते रहोगे?

  • हंसों में बगुला होना – विद्वानों में मूर्ख होना।

गाँव के हर घर से एक एस. पी. है, तुम्हारा पुत्र तो थानेदार ही बना है वह तो हंसों में बगुला ही है।

हिंदी व्याकरण – Hindi Grammar

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